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सोमवार, 8 जून 2015

पीपल का पत्ता- हृदय रोगों के लिए गुणकारी

क्या आप जानते हैं की ९९% ब्लोकेज को भी 
निकाल  सकता है पीपल का पत्ता
आप ने कभी सोचा भी नहीं होगा की 
पीपल के पत्ते की डिज़ाइन दिल आकार की क्यूँ है ?
 यह हमें सूचित कर रहा है की पीपल का पत्ता
 दिल की बीमारी के लिए
 कुदरत की और से हमारे  लिए अमूल्य भेंट है

15 पीपल के  पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, 
बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। 
प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग 
कैंची से काटकर अलग कर दें।

पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। 
इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। 
जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर 
साफ कपड़े से छान लें और उसे 
ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार।

इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद 
प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद 
कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक 
इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है 
और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती।
 दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।

* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की 
अद्भुत क्षमता है।
 
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 
11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
 
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, 
बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
 
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। 
मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। 
नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।
 
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, 
गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें।

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