थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह का जन्म 1950 में नहीं बल्कि 1951 में हुआ। हालांकि सरकार जनरल का जन्म 1950 में होने का दुष्प्रचार कर रही है। जो दस्तावेज सामने आए हैं। वो साबित करते हैं कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में मौजूद दस्तावेजों में यही तारीख दर्ज है।
यूपीए सरकार चाहती है कि जनता इस पर विश्वास करे कि जनरल सिंह अपने जन्म का वर्ष 'बदलवाना' चाहते हैं, क्योंकि वह अपना कार्यकाल एक साल बढ़वाना चाहते हैं। जबकि सच इसके उलट है। एनडीए में अपने शुरुआती दौर में जनरल सिंह ने कैडेट के तौर पर अपनी कहानी लिखी थी। इसका पहला वाक्य है, 'मैं 10 मई 1951 को पैदा हुआ।'
सरकार ने उनकी जन्म तिथि 10 मई 1950 मानी है। वहीं, सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर अपनी जन्मतिथि 10 मई 1951 होने का दावा किया है। इससे पहले जनरल सिंह के तत्कालीन अंग्रेजी शिक्षक बीएस भटनागर ने भी कहा था कि उनकी गलती से एनडीए का आवेदन भरते समय सिंह की जन्म तारीख 1950 दर्ज हो गई थी। भटनागर ने ही यह फार्म भरा था।
क्या कहता है रिकॉर्ड
-जनरल सिंह के पिता मेजर जगत सिंह की बटालियन 14 राजपूत रेजिमेंट्स ने तीन अगस्त 1965 को प्रमाणित किया है कि सेना प्रमुख का जन्म 10 मई 1951 को हुआ था। सेना की आधिकारिक रिकॉर्ड कीपर एडजुटेंट जनरल ने भी इसी तारीख का उल्लेख किया है।
- राजस्थान सेकंडरी बोर्ड के स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट में भी जन्म तारीख 10 मई 1951 है।
- एयरफोर्स सिलेक्शन बोर्ड में जनरल सिंह ने 1965 में जब पहली बार आवेदन किया था उसके दस्तावेज में भी जन्म की तारीख 10 मई 1951 है।
-जनरल सिंह के स्कूल के स्कॉलर रजिस्टर में भी जन्म की तारीख 1951 बताई गई है।
कानून मंत्रालय में रक्षा मामलों के कानूनी सलाहकार ने साफ कहा है कि स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट उम्र को साबित करने का मजबूत साक्ष्य है।
आखिर सरकार एक राष्ट्रभक्त जनरल को जालसाझ साबित करने में क्यों जुटी है.. ये समझना जरा भी मुश्किल नहीं है। क्योंकि ये भ्रष्टचार एक भी ईमानदार व्यक्ति को किसी भी पद पर देख नहीं सकती। क्योंकि एक-एक ईमानदार व्यक्ति उसकी नींद हराम करने के लिए काफी है।
सुंदर व्यंग्य
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