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गुरुवार, 22 सितंबर 2011

टीम अन्ना की नई रणनीति- अरविंद केजरीवाल उम्मीदवारों को घेरने की रणनीति बनाई

रामलीला मैदान सरकार और राजनीतिक दलों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाली टीम अन्ना ने अब अपने आंदोलन को गति देने के लिए नई रणनीति बनाई है। नई रणनीति के तहत, भ्रष्ट लोगों को चुनाव जीतने से रोकना है। टीम ने हरियाणा के हिसार उपचुनाव से बकायदा इसकी शुरुआत भी कर दी है।

हिसार में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को जनलोकपाल का समर्थन करना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं, तो टीम अन्ना पूरे चुनाव क्षेत्र में घूम-घूमकर लोगों को सचेत करेगी कि वो ऐसे उम्मीदवारों को वोट नहीं डालें। जो जनलोकपाल का समर्थन नहीं करते हैं।

चुनाव जीतने के बाद सांसद महोदय पार्टी आलाकमान के फरमान से डरने नहीं लगे। इसलिए लिए अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उम्मीदवार अपने-अपने आलाकमान से लिखवाकर लाएं कि वो जनलोकपाल का समर्थन करते हैं। और उम्मीदवारों को नाम वापसी से पहले लिखित तौर पर जनता ये वचन देना होगा। वर्ना जनता विकल्प पर तलाश करेगी।

टीम अन्ना ने जनप्रतिनिधियों के मत या विवेक पर आलाकमान की तलवार चलने से बचाने के लिए ऐसा किया है। चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि आलाकमान के ह्विप से डर-डरकर काम करते हैं। वो अपने विवेक से किसी मुद्दे का समर्थन या विरोध नहीं कर सकते हैं बल्कि आलाकमान के निर्देश का इंतजार करते हैं। दरअसल, जनता उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनती है मगर, ये प्रतिनिधि किसी और के बन जाते हैं और वहीं करते हैं जो मंजूर--आलाकमान होता है।

ऐसे में अन्ना के सहयोगियों की ये रणनीति बहुत ही सुविचारित है।

टीम अन्ना की ये रणनीति आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए भी होगी।

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