चंडीगढ़. ‘सोनिया गांधी ऐसी विषकन्या है जो देश को धीरे-धीरे खा रही हैं। उनका एक लाख करोड़ विदेश में जमा है। ये कहां और किस बैंक में है, मुझे पता है। स्विट्जरलैंड के नियमों के मुताबिक अगर सरकार ऐलान कर दे कि इस अकाउंट में जमा पैसे का राष्ट्रीयकरण कर दिया जाए तो ये पैसा भारत को मिल सकता है। लेकिन केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार ऐसा नहीं करेगी।’ सोनिया गांधी पर ये गंभीर आरोप लगाए जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने।
लॉ भवन, सेक्टर 37 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से ‘भ्रष्टाचार के विरुद्ध निर्णायक युद्ध’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में स्वामी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी केंद्रीय रक्षा मंत्री पर फ्रांस से जहाज खरीदने के लिए दबाव बना रही हैं। सिर्फ इसलिए कि फ्रांस के राष्ट्रपति की पत्नी भी इटेलियन हैं। यह मामला भी बोफोर्स घोटाले से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकों में जमा पूंजी वापस लाने के लिए केंद्र सरकार को बदलना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘यूपीए सरकार आम आदमी के साथ होने का दावा करती है जबकि सच्चाई यह है कि देश की 70 फीसदी पूंजी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विलासिता के प्रोडक्ट बनाने में लगी है। इस देश में भ्रष्टाचार का समाधान हिंदुत्व और सनातन धर्म को बढ़ावा देने से ही संभव है। धर्म ही हमें अच्छे और गलत की समझ और भ्रष्टाचार से दूर रहने की सीख देता है।’
साथ ही उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान सरकार के पास शक्ति होने की वजह से लोगों का संघर्ष कामयाब होने पर संदेह था। लेकिन लोगों का काफी समर्थन मिला और इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी संघर्ष को काफी मजबूती मिली। उसी प्रकार अब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ वैसा ही समर्थन मिल रहा है।
स्वामी ने पीएम मनमोहन सिंह को बिना रीढ़ की हड्डी का व्यक्तिबताते हुए कहा कि मनमोहन सिंह की नजर में तो सोनिया जी और राहुल जी ही 2जी हैं। पी. चिदंबरम और राहुल गांधी के उस बयान की भी उन्होंने निंदा कि जिसमें हिंदू आतंकवाद को लश्कर-ए-तैयबा से भी खतरनाक बताया गया। उन्होंने कहा कि हिंदू नाम से इतनी नफरत इस देश में बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
सौ- दैनिक भास्कर
लॉ भवन, सेक्टर 37 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से ‘भ्रष्टाचार के विरुद्ध निर्णायक युद्ध’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में स्वामी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी केंद्रीय रक्षा मंत्री पर फ्रांस से जहाज खरीदने के लिए दबाव बना रही हैं। सिर्फ इसलिए कि फ्रांस के राष्ट्रपति की पत्नी भी इटेलियन हैं। यह मामला भी बोफोर्स घोटाले से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकों में जमा पूंजी वापस लाने के लिए केंद्र सरकार को बदलना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘यूपीए सरकार आम आदमी के साथ होने का दावा करती है जबकि सच्चाई यह है कि देश की 70 फीसदी पूंजी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विलासिता के प्रोडक्ट बनाने में लगी है। इस देश में भ्रष्टाचार का समाधान हिंदुत्व और सनातन धर्म को बढ़ावा देने से ही संभव है। धर्म ही हमें अच्छे और गलत की समझ और भ्रष्टाचार से दूर रहने की सीख देता है।’
साथ ही उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान सरकार के पास शक्ति होने की वजह से लोगों का संघर्ष कामयाब होने पर संदेह था। लेकिन लोगों का काफी समर्थन मिला और इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी संघर्ष को काफी मजबूती मिली। उसी प्रकार अब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ वैसा ही समर्थन मिल रहा है।
स्वामी ने पीएम मनमोहन सिंह को बिना रीढ़ की हड्डी का व्यक्तिबताते हुए कहा कि मनमोहन सिंह की नजर में तो सोनिया जी और राहुल जी ही 2जी हैं। पी. चिदंबरम और राहुल गांधी के उस बयान की भी उन्होंने निंदा कि जिसमें हिंदू आतंकवाद को लश्कर-ए-तैयबा से भी खतरनाक बताया गया। उन्होंने कहा कि हिंदू नाम से इतनी नफरत इस देश में बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
सौ- दैनिक भास्कर
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