पिता असि लोकस्य चराचरस्य तुमस्य पुजस्य गुरुगारिस्यम
न तुमस्य अधिकं लोक त्रय प्रतिम प्रभावः
तुम इस संसार के पिता हो, चर अचर में तुमसे बढकर कोई नहीं है.
न तुमस्य अधिकं लोक त्रय प्रतिम प्रभावः
तुम इस संसार के पिता हो, चर अचर में तुमसे बढकर कोई नहीं है.
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