2002 के गुजरात दंगों के मामले में इस साल के सितंबर महीने में सुप्रीमकोर्ट से राहत मिलने पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा था-- ईश्वर बड़ा है। नरेंद्र मोदी ने इस खबर को एक राहत की तरह देखा था.. सचमुच में वह एक बड़ी राहत थी। और नरेंद्र मोदी को ठीक ही लगा था कि ईश्वर बड़ा है।
2002 के गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी इस साल के दिसंबर महीने में निचली कोर्ट में जो रिपोर्ट पेश करेगी, उसमें वो कोर्ट से इस मामले को बंद करने की रिपोर्ट देगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबरों के मुताबिक, एसआईटी कोर्ट में कहने वाली है कि गुलबर्ग नरसंहार के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने अपनी शिकायत में जिन 63 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.. उनके खिलाफ एसआईटी को कोई सबूत नहीं मिले हैं।
एसआईटी अधिकारी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि रिपोर्ट पूरी तरह से तैयार हो चुकी है और अगर भविष्य में किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई सबूत पाए जाते हैं तो उसका नाम आरोप पत्र में शामिल किया जाएगा। साथ ही एसआईटी ने कहा कि कोर्ट के निर्देश के बगैर किसी की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।
अपनी शिकायरत में जाकिया जाफरी ने कहा कि थी नरेंद्र मोदी और 62 अन्य लोगों ने साबरमती ट्रेन अग्निकांड के बाद दंगा भड़कने दिया।
ऐसा माना जा रहा है कि एसआईटी प्रमुख रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए आज अहमदाबाद का दौरा करेंगे। निचली अदालत के समक्ष एसआईटी और अदालत मित्र(एमिकस क्यूरी) दोनों की रिपोर्ट रखी जाएगी और कोर्ट इस पर फैसला करेगा। एमिकस क्यूरी राजू रामचंद्रन की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी पर गोधरा दंगों के उत्तेजक भाषण देने के लिए शिकायत दर्ज करने की सिफारिश की गई है। वहीं इस रिपोर्ट में आईपीएस पीबी गोंडिया पर लापरवाही के आरोप में पूछताछ की सिफारिश की गई है। हालांकि एसआईटी की रिपोर्ट में इस तरह के तथ्यों के नहीं पाए जाने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि 12 सितंबर को सुप्रीमकोर्ट ने नरेंद्र मोदी को इस मामले में राहत देते हुए ट्रायल कोर्ट को एसआईटी और अमिकस क्यूरी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला करने को कहा था.. इसके बाद नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा- ईश्वर महान है। और उन्होंने गुजरात में तीन दिनों का सदभावना उपवास करने की घोषणा की थी।
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