आखिर जन भावनाओं के आगे सरकार को बिना-शर्त झुकनी पड़ी। दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे को दो सितंबर तक रामलीला मैदान में अनशन करने की अनुमति दे दी।
इसकी जानकारी देते हुए अन्ना के सहयोगी अरविंद कजरीवाल ने कहा कि अभी तो युद्ध क्षेत्र में प्रवेश ही मिला है, अभी तो पूरी लड़ाई लड़नी बाकी है।
- सोलह अगस्त की सुबह पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया। उनपर आरोप लगाए कि इनके बाहर रहने से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती है।
- इन्होंने लोगों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। पुलिस ने मजिस्ट्रेट से सात दिनों की हिरासत मांगी। जिसे स्वीकार कर लिया गया।
- आगे पुलिस ने शर्त रखी कि अगर ये लोग बाहर निकलकर जेपी पार्क नहीं जाएंगे इन्हें छोड़ दिया जाएगा।
- इन्होंने कहा कि वो निकलते ही जेपी पार्क जाएंगे।
- फिर क्या इन्हें तिहाड़ जेल पहुंचा दिया गया।
- दो घंटे बाद ही, पुलिस ने इन्हें कहा आप लोग रिहा किए जाते हैं।
- अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि दो घंटे पहले हम कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए खराब थे और दो घंटे बाद ही हम अच्छे कैसे हो गए।
- केजरीवाल ने पूछा- आखिर इस देश में कौन का लोकतंत्र या प्रजातंत्र है जिसमें सरकार की जब मर्जी होती है लोगों को जेल के अंदर डाल दिया जाता है और जब मर्जी होती है उन्हें जेल से बाहर कर दिया जाता है।
- आखिर क्या इस देश का आम आदमी मात्र खिलौना है जिससे सरकारें जब चाहे खेलती रहती है।
- इस सवाल पर व्यापक विचार विमर्श की जरूरत है।
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