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शुद्धता
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स्पष्टता
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संक्षिप्तता
शुद्धता, समाचार की आत्मा होती है यानी आप समाचार लिखते वक्त जो कुछ भी लिखे सही-सही लिखे, शब्द, वाक्य, आंकड़े, नाम आदि-आदि. अगर आप सही लिखते हैं तो आपका आधा काम हुआ समझिए. अगर आपकी लिखावट शुद्ध और मानक है तभी वह पाठकों का ध्यान आकर्षित करेगी, वर्ना पाठक को आपसे दूर ले जाएगी. वैसे शुद्धता हर तरह की लिखावट की प्रथम कसौटी है.
सही, लिखने के साथ-साथ आप स्पष्टता और संक्षिप्तता पर भी ध्यान दें.
खराब लिखावट बेकार लिखावट है. यह पाठक के विश्वास को खत्म करती है जो कि प्रेस की स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है. प्रेस को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इस बात को लेकर है कि वह लोगों को सही और निष्पक्ष जानकारी मुहैया कराती है. सही और निष्पक्ष जानकारी मत निर्धारण के लिए जरूरी है क्योंकि यह सही मत स्वस्थ लोकतंत्र के भविष्य को तय करती है.
अगर प्रेस की सच्चाई और निष्पक्षता से जनता का भरोसा उठ जाता है तो जल्द ही लोकतंत्र से भी उसका भरोसा उठ जाएगा. इसलिए समाचार लिखते वक्त नाम, स्पेलिंग, आंकड़े, कथ्य और तथ्य की शुद्धता पर विशेष ध्यान दें. कुल मिलाकर शुद्धता और सच्चाई को प्राथमिकता दें.
दूसरी बात है, संक्षिप्तता. लेखन में कोई बात, कोई शब्द ऐसा नहीं हो जिसका वाक्य में कोई मतलब नहीं हो हो. इस वाक्य पर ध्यान दें-
ए ने बी के ऊपर मामला दर्ज कराया.
को अगर हम ऐसा कहें कि-
ए ने बी पर मामला दर्ज कराया
तो इससे वाक्य में संक्षिप्तता की काफी गुंजाइश बचती है. संक्षिप्तता वाक्य स्तर पर हो और न्यूज स्टोरी स्तर पर भी. न्यूज स्टोरी लिखने में उल्टा पिरामिड को ध्यान में रखें. यानी सबसे अहम सबसे ऊपर और सहायक तथ्य सबसे नीचे. ध्यान रहे अहम तथ्य सबसे ज्यादा और सहायक तथ्य सबसे कम हों.
अब बारी तीसरी बात यानी स्पष्टता की. बात स्पष्ट हो, संपूर्ण हो ताकि पाठक के सभी सवालों के जवाब मिल जाएं. अनाप-शनाप और अनर्गल, कहने का मतलब कि बेमतलब की बात मत करें.
मंगलवार, 25 मई 2010
कैसे लिखे समाचार?
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