प्रिय वाक्य प्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः
तस्मात् तदेव वक्त्वयम वचने का दरिद्रता
तस्मात् तदेव वक्त्वयम वचने का दरिद्रता
प्रिय वचन सभी जीवों को ख़ुशी देती है, तब प्रिय वचन बोलने में कंजूसी कैसी?
अष्ट दश पुरानेषु व्यासस्य वचनं द्वियम
प्रोप्करय पुण्याय पपय्पद्पिदानाम
आभार सदविचारों का.
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