एकबार फिर देश के तथाकथित बुद्धिजीवियों की बुद्धि पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसा पहलीबार नहीं है कि देश के बुद्धिजीवियों पर सवाल खड़े किए जा रहे हों. देश के तथाकथित बुद्धिजीवियों पर सवाल पहले भी उठते रहे हैं. लेकिन पहले इन सवालों को खारिज कर दिया जाता था. लेकिन इसबार सवाल उठाने वाला मंच ही ऐसा है जिस
जय हिंदी जय भारत
मंगलवार, 10 नवंबर 2009
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