आ चल के तुझे मैं लेके चलूं
इक ऐसे गगन के तले
जहां गम भी न हो
आसूं भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
इक ऐसे गगन के तले
सूरज की पहली किरण से
आशा का सवेरा जागे-2
चंदा की किरण से धुलकर
घनघोर अंधेरा भागे
कहीं धूप खिले
कहीं छांव मिले
लंबी सी डगर न खले
जहां गम भी न हो
आंसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
सपनों के ऐसे जहां
जहां प्यार ही प्यार खिला हो
हम आके वहां हो आए
शिकवे ना कोई गिला हो
कोई गैर न हो
कहीं वैर न हो
सब मिलके चलते रहें
जहां गम भी न हो
आसूं भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
आ चल के तूझे में लेके चलूं...
शुक्रवार, 14 अगस्त 2009
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स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंजय हिन्द!!
भारत मॉ की जय हो!!
आई लव ईण्डियॉ
आभार
मुम्बई-टाईगर
द फोटू गैलेरी
महाप्रेम
माई ब्लोग
SELECTION & COLLECTION
स्वतंत्रा दिवस जी हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया गाना है, इसके साथ एक और भी है, प्यार बांटते चलो तथा एक मुहम्मद रफी का गंगा मेरी मां का नाम बाप का नाम हिमाला
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