चुनाव के बाद के जनमत सर्वेक्षण कह रहे हैं कि मोदी फिर आ रहे हैं। वही व्यक्ति जिसे तथाकथित धर्म-निरपेक्ष बिरादरी पसंद नहीं करता--जिसे सोनिया मौत का सौदागर कहती हैं-- जिसे दिग्विजय सिंह "हिन्दू आतंकवादियों का मुखिया" कहते हैं-- जिसके खिलाफ जावेद अख्तर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाते हैं। पता नहीं ये लोग कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर सालों से हो रहे जुर्म से आँखें क्यों मूंदे रहते है-- पता नहीं क्यों नंदीग्राम पर बुद्धदेव के बयान पर जावेद साहेब सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जाते?-- पता नहीं क्यों असाम में आदिवासियों के खिलाफ सुनियोजित हिंसा की चीख से इनकी नींद क्यों नहीं खुलती?-- पता नहीं, क्यों ये लोग सिखों के कत्ले-आम पर सवाल उठाते? एक व्यक्ति जो आज विकास की बात करता है--उसे ये लोग मौत का सौदागर कहते हैं। बे-ईमान और दहशतगर्द कहते हैं। उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाते हैं। एक व्यक्ति जो आतंकवादी को आतंकवादी कहता है तो उसके खिलाफ सरे लोग खडे हो जाते हैं। सोनिया मैडम कहती हैं-- कि बीजेपी देश में आतंकवाद का हौवा खड़ा कर रही है। गृहमंत्री साहेब कहते हैं कि इस आतंकवाद और नक्सल समस्या निकट भविष्य में खतम नहीं हो सकता है। इस साल इस देश में आतंकवाद की कम से कम दस बड़ी घटनाएँ हुयी और इतनी ही नक्सल की घटनाएँ॥ इन घटनाओं में कम से कम पांच सौ लोग मरे गए॥ अगर असाम की आतंकवादी घटनाओं को जोड़ दिया जाये तो यह संख्या आठ सौ तक पहुंच जायेगी॥ और मैडम कहती है कि बीजेपी आतंकवाद का हौवा खड़ा कर रही है। अब तक कितने आतंकवादी घटनाओं की सही जांच हो पायी है और कितने आतंकवादियों को सजा मिल पाई है। आख़िर ये सवाल तो उठेंगे। अगर बीजेपी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो आप धर्म का ढिंढोरा पिटने लगती है और कहती है कि देश को पोटा की कोई जरूरत नही है।
हमले तो बीजेपी के शासन में भी हुए लेकिन विमान अपहरण मामला को छोड़कर बीजेपी ने सभी हमलों का मूह्तोड़ जवाब दिया दुश्मन यहीं, इसी धरती पर दम तोड़ गए। पर आपके शासन में, आपने हमलों का जवाब दिया? खैर मैं ये सवाल आपसे क्यों पूछ रहा हूँ। जनता की प्रतिनिधि आप हैं। पर सवाल आप ही का खड़ा किया हुआ है। गुजरात की जनता नरेन्द्र मोदी को सर आंखों पर क्यों बिठाये हुए है? इसका जवाब खोजने के लिए आपको ज्यादा परेशां होना नहीं पड़ेगा।
फ़िलहाल हम और आप गुजरात चुनाव परिणामों की प्रतीक्षा करें॥ देखें गुजरात की जनता का भगवान मालिक है या फिर आप?
मंगलवार, 18 दिसंबर 2007
मोदी फिर आ रहे हैं?
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23 दिसम्बर के बाद विश्लेषण होगा. देखें कौन अपना मूँह छूपाता है. दूसरों के लिखे को पढ़ने वालो को क्या कहें, शायद सोनियाजी को पता ही नहीं होगा की मौत का सौदागर किसे कहते है.
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