रविवार, 2 दिसंबर 2007
इन्हें सब पता था
असाम में आदिवासियों पर हिंसा सुनियोजित थी। इसके लिए कई रोज पहले योजना बनी थी। इस बात का खुलासा एक खुपिया विभाग की उस रिपोर्ट से हुआ -- जो राज्य सरकार और राज्य के आला पुलिस अधिकारियों को सौपा गया था। रिपोर्ट सोलह तारीख को सौंपा गया था और घटना घटी चौबीस को। यानी सरकार को सचेत होने और उचित एहतियाती कदम उठाने के लिए पर्याप्त समय था। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। घटना चूंकि सुदूर पूर्वोत्तर राज्य का है, इसलिए बवाल नहीं मचा। राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों ने तसलीमा नसरीन में लोंगों को उलझाये रखा। और जातीय हिंसा की एक बड़ी घटना को सुर्खी बनने नहीं दिया। गुजरात दंगों पर शोर मचाना उनकी आदत में शुमार हो गया है। पर नंदीग्राम जनसंहार को माओवादियों का कारनामा करार देकर बुद्धदेव सरकार को बचा लेते हैं। आखिर असाम सरकार ने गुवाहाटी हिंसा की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं।
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