इन्सान मैं भी हूँ। इन्सान आप भी है। इन्सान हैं तो भूख भी है। इंसानी भूख जानवरों की भूख से थोडी अलग होती है। इन्सान की भूख महज रोटी से नहीं नहीं मिट सकती है। मिटे भी क्यों। इन्सान महज पेट लेकर ही तो पैदा नहीं हुआ है। इसके पास दिमाग भी है। दिमाग भी जानवरों की तरह पेट के सामानांतर नहीं बल्कि पेट से कम-से-कम दो फ़ीट ऊपर। दिमाग की खुराक है जानकारी। और इस जानकारी का कोई अंत तो है नहीं। ये भी ठीक है कि सबको हर प्रकार की जानकारी से क्या मतलब। तो भी जानकारी के लिए आप क्या करते हैं। वैसे आप कह सकते हैं कि जानकारी के लिए फुट्पाथी किताबों से लेकर बाज़ार में इन्सैक्लोपीडिया तक मौजूद है। मगर कई कारणों से ये किताबें आपकी जानकारी की बहुत बड़ी पिपासा को नहीं मिटा सकती। तो क्या जानकारी की भूख और प्यास से मर जाएँ? हम कहेंगें नहीं। आपके ज्ञान की प्यास को मिटाने के लिए कई लोग निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ लोगों ने आपके लिए विकिपीडिया तैयार किया है। विकिपीडिया-- ज्ञान-विज्ञान का अद्भुत कोष है। जहाँ तमाम प्रकार की जानकारी मौजूद है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि हर वक्त इसका संपादन होते रहता है। संपादक बडे विद्वान या ज्ञानी विज्ञानी नहीं होते हैं। बल्कि हम और आप जैसे लोग होते हैं। लेकिन हम हों या आप विकिपीडिया के संपादन के लिए उस विषय की पुख्ता जानकारी तो होनी ही चाहिऐ। साथ ही साथ हमारी भाषा ऐसी होनी चाहिऐ कि कोई भी हमारी बात को पढकर ठीक से समझ जाय। आवश्यक है कि आप जिस विषय को ठीक से जानते हों उसी विषय पर लिखें। हिन्दी में विकिपीडिया की शुरुआत २००३ में हुई थी मगर कुछ समय पहले तक कंप्युटर पर हिन्दी में लिखने की समस्या थी इसलिए हिन्दी में ज्यादा लेख नहीं लिखे जा सके॥ पर अब हिन्दी में लिखना बिल्कुल सरल हो गया है। तो तैयार हो जाइये हिन्दी में विकिपीडिया को समृद्ध करने के के लिए॥ ताकि आपकी भाषा में भी हर जानकारी एक क्लिक की दूरी पर सिमट जाये।
बुधवार, 7 नवंबर 2007
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