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सोमवार, 1 अप्रैल 2013

हिंदूत्व का प्रचार है योग सीखना? योग तंदुरुस्ती की सार्वभौमिक भाषा- ह्वाइट हाउस

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, नहीं, बिल्कुल नहीं। योग सीखना हिंदू धर्म का प्रचार कतई नहीं है। ओबामा ने सिर्फ कहा नहीं, बल्कि उन्होंने इसे एक आवश्यक शारीरिक अभ्यास के रूप में खुले दिल से अपनाया भी। वो भी उस वक्त जब इस प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति को हिंदूत्व प्रचार का माध्यम बताकर अमेरिका के कई स्कूल इसके खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे हैं।
ह्वाईट हाउस के पिछले सप्ताह की घोषणा में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा सोमवार को परंपरागत ईस्टर एग रॉल उत्सव के दौरान बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक "योगा गार्डन" का आयोजन करेंगे। राष्ट्रपति भवन परिसर में आयोजित ईस्टर समारोह में शामिल होने वाले लोगों को याद दिलाया गया कि इस उत्सव की थीम "स्वस्थ रहो, सक्रिय रहो और स्वस्थ होओ” है, लिहाजा इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन परिसर यानी ह्वाइट हाउस लॉउन में देशभर से आने वाले अमेरिकी लोगों और बच्चों से अपील की गई है कि वो प्रशिक्षित पेशेवर योग शिक्षकों से योग कक्षा का आनंद उठाएं। 
 
ये पहलीबार नहीं है, जब ओबामा ने ईस्टर के मौके पर अपने आवास पर योग कक्षा का आयोजन किया हो, लेकिन इस साल इस आयोजन का विशेष महत्व इसलिए है कि स्कूलों में योग सिखाने को चुनौती देने वाली याचिका की कैलिफोर्निया की एक अदालत में सुनवाई चल रही है। सैन डियागो की अदालत में गुरुवार को मामले में याचिका दायर की गई।
अमेरिका के लोगों के जीवन में योग इस कदर शामिल हो गया है कि जब कोई इस पर सवाल उठाता है तो सामने वाला सवाल उठाने वाले को बड़ी ही हैरानी से देखने लगते हैं कि आखिर योग पर भी किसी को आपत्ति हो सकती है।
सैन डियागो कोर्ट में भी कुछ ऐसा ही हुआ। मामले की सुनवाई कर रहे वरिष्ठ जज जॉन मेयर खुद योगाभ्यास करते हैं, सुनवाई की शुरुआत में ही उन्होंने पूछ दिया कि क्या इससे भी किसी को कोई परेशानी है।
हालांकि याचिकाकर्ताओं के वकील को जज की इस टिप्पणी से तब तक कोई आपत्ति नहीं है, अगर मेयर खुले दिमाग से योग के आध्यात्मिक संबंधों पर बहस को सुने।
याचिका में कहा गया है कि योग मूल रूप से धर्म से जुड़ा हुआ है। हालांकि जज मेयर समेत ज्यादातर अमेरिकी ऐसा नहीं मानते हैं कि योग का किसी धर्म से कोई संबंध है, बल्कि वो इसे शरीर को स्वस्थ रखने का अभ्यास मानते हैं।
जज जॉन मेयर सहज योग का अभ्यास करते हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि अगर आपको लगता है कि योग कोई धार्मिक संबंध है तो ये मेरे लिए एक बड़ी खबर है।

अदालत में मामले की सुनवाई के बीच, ह्वाईट हाउस देशवासियों, खासकर बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने में जुटा है। ये जागरूकता उस चिंता से जुड़ी हुई है, जिसका संबंध लगातार देश के गिरते स्वास्थ्य और तेजी से बढ़ रहे स्वास्थ्य खर्च से है। दरअसल इसकी पहल बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा की ओर से हुई है, जो खुद योग, स्वास्थ्य और सेहत की दीवानी हैं।
योग गार्डन का आयोजन एक प्रमाणित योग शिक्षक, लीह क्यूलिस द्वारा किया जा रहा है। 2009 में ओबामा के राष्ट्रपति बनते ही, ह्वाईट हाउस ने लीह से संपर्क किया। लीह के पति जॉन लिपफर्ट इवेंट मैंनेजर (समारोह प्रबंधक) हैं, जिन्होंने ओबामा के शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की जिम्मेदारी संभाली। लिपफर्ट अभिभावकों और बच्चों को योग सिखाने के लिए पूरे अमेरिका से शिक्षकों के चयन की जिम्मेदारी संभालते हैं।
ह्वाइट हाउस की इस पहल पर क्यूलिस का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य परिवारों और बच्चों को सक्रिय जीवनशैली के उन सामान्य सू्त्रों को बताना है, जिसके लिए न तो किसी के सहयोग की जरूरत है और ना ही पैसे की। लोग घर जाकर खुद इसे कर सकते हैं।
दरअसल, ह्वाइट हाउस ने अपने योग अभियान को दो कदम और आगे ले जाते हुए-- आम अमेरिकियों को शारीरिक गतिविधि करने और स्वस्थ खानपान को अपने दैनिक जीवनशैली के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु प्रेजिडेंसियल एक्टिव लाइफस्टाइल अवार्ड यानी राष्ट्रपति सक्रिय जीवनशैली पुरस्कार की शुरुआत की है। योग अभ्यास को अपनाते हुए ह्वाइट हाउस ने इसके किसी धर्म से जुड़े होने की बात को खारिज कर दिया है।

योग के खिलाफ दायर याचिका और इसपर विवाद का जिक्र किए बगैर ह्वाइट हाउस ने कहा कि धर्म और संस्कृतियों की सीमा को लांघते हुए योग अमेरिका में आध्यात्मिक अभ्यास की एक सार्वभौमिक भाषा बन चुकी है। ह्वाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि हर दिन सर्वांगीन तंदुरुस्ती और स्वास्थ्य सुधार के लिए लाखों लोग योग का अभ्यास करते हैं, इसलिए हम सबको योग कक्षा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। ह्वाइट हाउस ने लोगों से अपील की है कि लोग योग का समर्थन करें और देश के सामने मौजूद चुनौतियों को उत्तर दें।
इस मौके पर ह्वाइट हाउस ने जिन लोगों को आमंत्रित किया है, उनमें भारतीय-अमेरिकी हॉकी खिलाड़ी अजय धाडवाल शामिल हैं, जिन्होंने अमेरिका का प्रतिनिधित्व किया।

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