ऋषि पत्रकार प्रभाष जोशी की 75वीं जयंती 15-16 जुलाई लाई को इंदौर में भाषाई पत्रकारिता महोत्सव के तौर पर मनायी जाएगी। दो दिवसीय सारस्वत समारोह का समायोजन इंदौर प्रेस क्लब और प्रभाष परम्परा न्यास ने किया है। महोत्सव का उदघाटन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी 15 जुलाई को शाम 5 बजे करेंगे। पत्रकारिता की चुनौतियां और प्रभाष जी के सामाजिक, सांस्कृतिक सरोकारों पर कई सत्रों में चर्चा प्रस्तावित है। महोत्सव का नामकरण प्रभाष प्रसंग किया गया है।
समारोह के दौरान प्रभाष पर्व नामक पुस्तक का लोकार्पण उपराष्ट्रपति के कर-कमलों द्वारा होगा। पांच सौ पन्नों की इस किताब में प्रभाष जी के निधन के बाद उनपर लिखे गये लेखों-संस्मरणों का संग्रह है। प्रभाष जोशी की दो कहानियां और एक कविता भी पुस्तक में संकलित है, जो साठ के दशक में लिखी गयी थी। सम्मेलन में जिन विषयों पर चर्चा होनी है उसमें क्रिकेट, पत्रकारिता, जल-जंगल-जमीन और जनांदोलन शामिल है। वर्तमान समय में पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां विषयक सत्र में डॉ वेदप्रताप वैदिक, रामबहादुर राय, कुमार केतकर, हरिवंश, रामशरण जोशी,पुण्य प्रसून वाजपेयी, प्रांजय गुहा ठाकुरता, ओम थानवी,जैसे नामचीन पत्रकार भाग लेंगे।
सामाजिक- सांस्कृतिक विषय से जुड़े सत्रों में अनुपम मिश्र, हर्षमंदर, प्रशांत भूषण, मेधा पाटकर जैसे लोगों के विचार सुनने को मिलेंगे। प्रभाष जोशी के प्रसंदीदा विषय क्रिकेट पर भी एक सत्र होगा जिसमें नायडु से धौनी तक के सफर की चर्चा होगी। क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी खासतौर से इस मौके पर अपना अनुभव बांटेंगे। तीसरे प्रेस आयोग की जरूरत पर एक मसौदा वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने तैयार किया है, उसे भी सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रभाष प्रसंग के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस पी वी सांवत ने खास तौर पर एक आलेख भेजा है, जिसे प्रतिनिधियों के बीच वितरित किया जाएगा। शुभा मुद्दगल का गायन सुनने का आनंद भी प्रतिनिधि उठा सकेंगे। समापन के दिन गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रतिमा से राजेन्द्र माथुर की प्रतिमा स्थल तक पद यात्रा भी होगी।
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