हृदयांजलि
सोमवार, 12 नवंबर 2007
बोल अनमोल
अभिवादन शीलस्य नित्य वृद्धोअपि सेविनः
तस्य चत्वारी वर्धन्ते आयु विद्या यशो बलम
जो अभिवादन शील हैं और वृद्धों की सेवा करतें हैं, उनके आयु, विद्या, यश और बल आप से आप वृद्धि होती है।
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