हृदयांजलि
मंगलवार, 25 जनवरी 2011
संक्षिप्त रामायण
आद्यो राम तपो वनादिगमनम्।
हत्वा मृगा कांचनम्।
वैदेहि हरणम्, जटायु मरणम्।
सुग्रीम संभाषण बालिंद्रम
समुद्र तरणम् लंकापुरी दाहनम्।
पश्चादि रावण कुंभकरण हरण्।
एतद् रामायण्।
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