हृदयांजलि
शुक्रवार, 2 नवंबर 2007
प्रगति मंत्र
चरै वेति चरै वेति असु मार्गः नवः कोआपि प्रस्तुतम
बढते चलो बढते चलो, शीघ्र कोई नया रास्ता तलाश करो।
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