हृदयांजलि
बुधवार, 24 अक्टूबर 2007
अष्ट दश पुरानेषु व्यासस्य वचनं द्वियम
परोपकाराय पुण्याय पापाय पीडनम
व्यास के अठारह पुराणों का सार यही है कि परोपकार करना पुण्य है और दूसरे को दुःख देना पाप है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें