हृदयांजलि
गुरुवार, 25 अक्टूबर 2007
नव ग्रह शांति मन्त्रं
स्नान के बाद इस मंत्र को पढें
ॐ ब्रह्मा शंभू पुरानकारी भानू शशि भूमि सुतौ बुधस्य च गुरुस्य च शुक्रः शनि राहू केतवः सर्वे ग्रहः प्रीत कर भवन्तु
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