tag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post765093479220883663..comments2024-02-05T14:37:57.264+05:30Comments on हृदयांजलि : भौतिक विज्ञान के मूल सिद्धांत को चुनौती देती होम्योपैथीUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-51731104799816199542010-04-24T11:22:19.805+05:302010-04-24T11:22:19.805+05:30कल ही केतन देसाई को गिरफ्तार किया गया है जो एमसीआई...कल ही केतन देसाई को गिरफ्तार किया गया है जो एमसीआई के चेयरमैन हैं.... अपने आप में सबकुछ बताता है..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-45545285151578561732010-04-23T22:12:24.405+05:302010-04-23T22:12:24.405+05:30मैं आपकी बात से सहमत हूं। न केवल होम्योपैथी बल्कि ...मैं आपकी बात से सहमत हूं। न केवल होम्योपैथी बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पर भी बड़े पैमाने पर अनुसंधान होने चाहिए।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-35270748760641467672010-04-23T21:01:29.697+05:302010-04-23T21:01:29.697+05:30किसी भी विलयन के अतितनुकरण के उपरांत विलायक में वि...किसी भी विलयन के अतितनुकरण के उपरांत विलायक में विलेय की मात्रा अनुपस्थित हो जाए यह संभव नहीं है। अति तनुकरण पर विलायक में विलेय की स्थिति क्या रहती है। यदि किसी भाग में विलेय अनुपस्थित हो जाए तब विलायक का जीवित कोशिकाओं और शरीरों पर क्या प्रभाव रहता है इस पर गंभीर और लंबे शोध की आवश्यकता है। केवल प्लेसीबो प्रभाव का हवाला दे कर होमियोपैथी को अवैज्ञानिक करार नहीं दिया जा सकता। वस्तुतः यह ऐलौपैथिक दवा उत्पादकों के मजबूत गठबंधन का षड़यंत्र है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com