tag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post313068705342592214..comments2024-02-05T14:37:57.264+05:30Comments on हृदयांजलि : मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं.Unknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-34684983755557834202010-01-07T09:04:44.627+05:302010-01-07T09:04:44.627+05:30हाँ, मुझे भी गर्व है , और हमेशा ही रहेगा | एक महान...हाँ, मुझे भी गर्व है , और हमेशा ही रहेगा | एक महान जीवन शैली और धर्म को जान्ने और उसे जीने का |abhahttps://www.blogger.com/profile/16805638236786752281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-54737262599807239862008-10-13T09:10:00.000+05:302008-10-13T09:10:00.000+05:30(मुझे गर्व है कि मैं हिन्दू हूं)क्या संकुचित सोच ह...(मुझे गर्व है कि मैं हिन्दू हूं)क्या संकुचित सोच है. गर्व इस बात का होना चाहिये कि हम भारतीय है. गर्व इस बात का होना चाहिये कि हम मनुष्य है. मेरे अन्दर मानवता है.गर्व इस बात का होना चाहिये कि हम जहां रहते उसके अगल बगल कोई बेसहारा तो नहीं है. धर्म बाद में आता है कोई धर्म खाने को नहीं देता है.....vangmyapatrikahttps://www.blogger.com/profile/05065900084189339880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-46299468013263406262008-10-12T18:43:00.000+05:302008-10-12T18:43:00.000+05:30yes, absolutely right. mujhe bhi hai.yes, absolutely right. mujhe bhi hai.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-6033647894015878032008-10-12T12:27:00.000+05:302008-10-12T12:27:00.000+05:30हिन्दू धर्म में वह सब कुछ है जो उसे सनातन और सर्वद...हिन्दू धर्म में वह सब कुछ है जो उसे सनातन और सर्वदेशीय धर्म बनाता है.<BR/><BR/>उसकी प्रार्थना है:<BR/>असतो मा सद गमय (असत्य से मुझे सत्य की और ले चलो )<BR/>तमसो मा ज्योतिर्गमय (अन्धकार से मुझे प्रकाश की और ले चलो ) <BR/><BR/>सर्वे भवन्तु सुखिन: (सभी सुखी हों )<BR/><BR/>वह चरमपंथी नही हो सकता; मध्यमार्ग ही उसका आदर्श है :<BR/>'अति सर्वत्र वर्जयेत ' (अति से सदा दूर रहना चाहिए )<BR/><BR/>हिंदू धर्म का कोई एक 'पैगम्बर' नही है ; उसकी कोई एकमात्र 'किताब' नही है ; उसका ह्रदय <BR/>विशाल है; मस्तिष्क खुला है ; दृष्टि देश और काल के परे तक पहुँचने वाली है . इसलिए कृष्ण भी उसके भगवान है, मार्क्स भी हैं और गांधी भी. वह गीता को भी धार्मिक पुस्तक कहता है तो गणित की एक पुस्तक भी उसकी 'धार्मिक' पुस्तक है. इसलिए आश्चर्य नहीं कि उसने अपने धर्म को कोई नाम नहीं दिया. (हिन्दू शब्द तो 'मुसलमानों' का आविष्कार है) <BR/><BR/>वह 'वसुधैव कुटुम्बकम' को मानता है. वह सबमे एक ही परमात्मा का अंश देखता है और कहता है :<BR/>तत्वमसि (तुम 'वह' हो - तुम परमात्मा हो ). वह केवल मानव ही नही वरण पशु-पक्षियों और वनस्पतियों के भी हित की चिंता करता है. वह 'अहिंसा' को सबसे बड़ा धर्म मानता है. केवल कर्म से ही नही , मन और वाणी से भी अहिंसा .<BR/><BR/>वह किसी को अन्तिम सत्य नहीं मानता ; वह सदा सत्य का अनुसंधान कराने में विश्वास रखता है . 'नेति नेति ' (यह नही , यह नही ) कहकर वह तर्क वितर्क करता है. वह मूर्ख नही है की किसी भी अनर्गल प्रलाप को 'अन्तिम सत्य' मान बैठे. वह प्रश्न करने में विश्वास रखता है. वह 'प्रश्नोपनिषद ' रचता है ; नचिकेता के रूप में प्रश्न करता है; यक्ष के रूप में प्रश्न करता है ; अर्जुन के रूप में प्रश्न करता है. और तो और वह 'धर्म क्या है' इस पर भी बार-बार दृष्टिपात करता है. इसके आगे जाकर बार-बार प्रश्न करता है कि ' परम धर्म क्या है?' कोई धर्म के लक्षणों की बात करता है. कोई उसके दस लक्षण गिनाता है, कोई तीस . <BR/><BR/>वह सत्य की शक्ति पर विश्वास करता है (सत्यमेव जयते ) ; उसका विश्वास है की जब-जब धर्म का नाश होगा और अधर्म का उत्थान होगा - कोई न कोई महापुरुष अवतार लेगा . वह असत्य पर सत्य की विजय को मानने वाला है. वह एक होकर सहकार करने की शिक्षा देता है - सहनावातु, सहनोभुनक्तु सह वीर्यं करवाहहै . वह ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: रटने वाला जीव है. <BR/><BR/>लेकिन 'कट्टर' मजहब उसे 'कमजोर' मानकर उस पर आघात करते हैं. उसे मिटटी में मिलाने पर लगे हैं. ऐसे में उसे अपनी सुरक्षा की चिंता भी करनी चाहिए जिसे अभी तक वह अनदेखा करते आया है.अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-77541141565681837982008-10-12T08:22:00.000+05:302008-10-12T08:22:00.000+05:30Hindu hona garva ki baat hai hi. aapne hindutva ke...Hindu hona garva ki baat hai hi. aapne hindutva ke marm ki baat kahi, parantu beech beech men sabdon ka aise istemal kiya hai ki lagta hai vyangya bhi kiya hai.Hindu dharm ek udarta ka prateek hai jismen sahansheelta bhi khoob hai.श्रीकांत पाराशरhttps://www.blogger.com/profile/02488429636132949216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-55992565458124527072008-10-12T08:08:00.000+05:302008-10-12T08:08:00.000+05:30हिन्दू एक जीवन शैली है, उस में सब धर्मों सहित नास्...हिन्दू एक जीवन शैली है, उस में सब धर्मों सहित नास्तिकों के लिए स्थान है यदि वे सभी के विश्वासों का आदर करते हों।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-392206723793444287.post-32947545459719251082008-10-12T07:48:00.000+05:302008-10-12T07:48:00.000+05:30कोई भी धर्म-मत-संप्रदाय किसी से हीन नहीं है, और मे...कोई भी धर्म-मत-संप्रदाय किसी से हीन नहीं है, और मेरे मन में अपने हिंदू होने पर गौरव की भावना है.Anonymousnoreply@blogger.com